
सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर में निभाई अहम भूमिका
बिलासपुर। भारतीय थल सेना में 21 वर्षों की उत्कृष्ट सेवा देने के पश्चात जवान अखिलेश पाटनवार 15 जून को जोधपुर (राजस्थान) से अपने गृह नगर बिलासपुर लौटे। उनके आगमन पर नगरवासियों ने सतबहिनिया मंदिर प्रांगण, सरकंडा में उनका भव्य स्वागत एवं सम्मान समारोह आयोजित किया।
जवान अखिलेश पाटनवार, छत्तीसगढ़ रत्न योगाचार्य एवं सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्री शंकरलाल पाटनवार तथा श्रीमती प्रभा पाटनवार के सुपुत्र हैं। उन्होंने वर्ष 2004 में भारतीय सेना में भर्ती होकर देश के विभिन्न संवेदनशील और सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी कर्तव्यनिष्ठ सेवा दी।
उनकी सेवाओं में उल्लेखनीय रूप से सर्जिकल स्ट्राइक 2016, एयर स्ट्राइक 2019 और ऑपरेशन सिंदूर शामिल हैं, जिनमें उन्होंने भारतीय सेना की टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नगरवासियों, मित्रों और परिजनों ने अखिलेश के जांबाज योगदान और सेवा भाव की सराहना करते हुए उनका शॉल, श्रीफल और पुष्पमालाओं से अभिनंदन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, युवा, वरिष्ठजन और समाजसेवी उपस्थित रहे।
यह अवसर केवल स्वागत का नहीं, बल्कि देशभक्ति, समर्पण और प्रेरणा का भी प्रतीक बना, जहां नगरवासियों ने देश के सच्चे सपूत को नमन किया।