
गरीबों के राशन पर डाका?
बिलासपुर में राशन घोटाला उजागर: निष्कासित नेता अभय नारायण के बेटे अमितेष राय पर 285 क्विंटल चावल गबन का आरोप, एफआईआर की तैयारी
बिलासपुर — छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में गरीबों के हक के सरकारी राशन के गबन का बड़ा मामला सामने आया है। वार्ड क्रमांक 42 के अंतर्गत संचालित उचित मूल्य की दुकान आई.डी. नं. 401001134 से संबंधित यह घोटाला सहकारी समिति खैर माता खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा द्वारा चलाई जा रही प्रणाली के माध्यम से उजागर हुआ है। दुकान के संचालक अमितेष राय पर 285.48 क्विंटल चावल, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 11 लाख 40 हजार रुपये है, गबन करने का गंभीर आरोप है।
जांच में सामने आई अनियमितताएँ
खाद्य विभाग द्वारा 23 अगस्त 2024 को की गई जांच के दौरान यह गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद विभाग ने संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा, लेकिन लगातार नोटिस जारी करने के बावजूद न तो राशन की भरपाई हुई और न ही कोई उत्तर प्रस्तुत किया गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, 20 सितंबर 2024 को उक्त दुकान का संचालन निलंबित कर दिया गया और 5 अक्टूबर 2024 को इसे गौरी महिला बहुद्देशीय सहकारी समिति (आईडी 402001157) को सौंप दिया गया।
FIR की तैयारी, विभागीय कार्रवाई तेज
खाद्य विभाग अब पूर्व संचालक अमितेष राय के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पिछले 10 महीनों में कई बार 3-3 दिन की समयसीमा के साथ नोटिस दिए गए, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
राजनीतिक कनेक्शन बना चर्चा का विषय
मामला और अधिक चर्चित तब हुआ जब यह सामने आया कि आरोपी अमितेष राय, कांग्रेस के निष्कासित नेता अभय नारायण का पुत्र है, जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता अटल श्रीवास्तव के करीबी माने जाते हैं।
यह विषय तब और अधिक तूल पकड़ गया जब हाल ही में आयोजित जिला कांग्रेस कमेटी (शहर/ग्रामीण) की “संविधान बचाओ रैली” में भाग लेने आए AICC के सचिव सह प्रभारी विजय जांगिड़, पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया एवं जिला प्रभारी सुबोध हरितवाल से मीडिया द्वारा इस पर सवाल किया गया।
जांगिड़ ने लिया गंभीरता से, कार्रवाई के संकेत
पत्रकार वार्ता के दौरान विजय जांगिड़ ने स्पष्ट रूप से कहा, “यदि राशन घोटाले में पार्टी से जुड़े किसी पदाधिकारी या उसके परिजन का नाम सामने आ रहा है, तो जांच के बाद उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने मामले को तत्काल जिला प्रभारी सुबोध हरितवाल को सौंपते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
गरीबों के राशन में भ्रष्टाचार की इस घटना ने न सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। अब सबकी नजर इस पर है कि खाद्य विभाग और कांग्रेस पार्टी इस मामले में क्या कड़े कदम उठाते हैं और क्या दोषियों को सज़ा दिलवाई जाती है।