
बिलासपुर: प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ प्रखर पत्रकार महासंघ ने अपने “सांसद-विधायक से मिलो अभियान” के तहत आज मस्तुरी विधायक दिलीप लहरिया से मुलाकात की। महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने पत्रकारों पर बढ़ती हिंसा और धमकियों पर गहरी चिंता जताते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की।
महासंघ ने उठाए गंभीर मुद्दे
प्रतिनिधियों ने विधायक को बताया कि पत्रकार समाज की आवाज़ बनकर लोकतंत्र को मजबूत करते हैं, लेकिन आज खुद उनकी सुरक्षा खतरे में है। पत्रकारों पर हो रहे हमलों और उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून आवश्यक है। महासंघ ने कहा कि पत्रकारों को सुरक्षित और स्वतंत्र वातावरण प्रदान करना समय की जरूरत है।
प्रमुख मांगें
- सख्त पत्रकार सुरक्षा कानून:
- पत्रकारों पर हमले को गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाए।
- दोषियों को त्वरित और कड़ी सजा दी जाए।
- फील्ड रिपोर्टिंग के दौरान सुरक्षा:
- प्रशासन और पुलिस से पत्रकारों को फील्ड में रिपोर्टिंग के दौरान पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
- फास्ट-ट्रैक कोर्ट:
- पत्रकारों के मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना हो।
- मुआवजा और आर्थिक सहायता:
- हमले के शिकार पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक सहायता और मुआवजा सुनिश्चित किया जाए।
- सुरक्षा हेल्पलाइन:
- हर जिले में पत्रकारों की मदद के लिए एक सुरक्षा हेल्पलाइन स्थापित की जाए।
विधायक दिलीप लहरिया ने दिया आश्वासन
मस्तुरी विधायक दिलीप लहरिया ने महासंघ की मांगों पर सहमति जताते हुए कहा, “पत्रकार समाज के प्रहरी हैं। लोकतंत्र को सशक्त और पारदर्शी बनाए रखने में उनकी भूमिका अतुलनीय है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस मांग को राज्य विधानसभा और मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
महासंघ का बयान
छत्तीसगढ़ प्रखर पत्रकार महासंघ के पदाधिकारी विनय मिश्रा, पंकज खण्डेलवाल, उमाकांत मिश्रा और राजेंद्र कश्यप ने कहा, “पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाना अत्यंत जरूरी है। महासंघ प्रदेशभर में जनप्रतिनिधियों से मिलकर इस मांग को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है। अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो महासंघ बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा।”
अभियान को मिल रहा है समर्थन
“सांसद-विधायक से मिलो अभियान” के तहत महासंघ ने अब तक कई जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर पत्रकार सुरक्षा कानून की जरूरत पर चर्चा की है। अभियान को जनप्रतिनिधियों से सकारात्मक समर्थन मिल रहा है, जिससे पत्रकार समुदाय को उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ प्रखर पत्रकार महासंघ का यह प्रयास पत्रकारों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए एक बड़ी पहल है। मस्तुरी विधायक दिलीप लहरिया का समर्थन इस मुहिम को और बल देगा। पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने से न केवल पत्रकारों को सुरक्षित माहौल मिलेगा, बल्कि लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विनय मिश्रा, प्रदेश महासचिव पंकज खंडेलवाल, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उमाकांत मिश्रा, कोषाध्यक्ष राजेंद्र कश्यप के साथ महासंघ के पदाधिकारी एवं सदस्य हीराजी राव सदाफले, सुधीर तिवारी, अजय द्विवेदी, कमल दुसेजा,भारतेंदु, भूषण श्रीवास के साथ दर्जनों पत्रकार उपस्थित थे.