
अंबिकापुर। स्टेट जीएसटी विभाग अंबिकापुर ने कर अपवंचन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो प्रतिष्ठित व्यवसायिक फर्मों — मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन और मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स — के विरुद्ध जांच अभियान चलाया है। यह कार्रवाई क्रमशः 29, 30 एवं 31 मई को अंबिकापुर स्थित उनके व्यवसायिक स्थलों पर की गई।
158 करोड़ टर्नओवर, फिर भी कर भुगतान शून्य!
29 मई को मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन के यहां की गई जांच के दौरान विभाग को गंभीर अनियमितताएं मिलीं। जीएसटी पोर्टल पर फर्म का रिस्क स्कोर 10 दर्ज था, जो कर अपवंचन की ओर संकेत करता है। जांच के समय फर्म के प्रतिष्ठान में कोई लेखा-पुस्तक या टैली सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं पाया गया।
वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक फर्म का कुल टर्नओवर लगभग ₹158 करोड़ पाया गया, लेकिन इस पूरी अवधि में कर का नगद भुगतान शून्य रहा। साथ ही, वर्ष 2023-24 में फर्म ने ₹29.50 करोड़ की खरीद तो की, लेकिन सप्लाई केवल ₹50 लाख की ही दिखाई गई। इससे यह संदेह मजबूत हुआ कि माल आम उपभोक्ताओं को बिना बिल के बेचा गया और बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट के माध्यम से कर चोरी की गई।
हालांकि व्यवसायी ने गलती स्वीकारते हुए ₹40 लाख कर भुगतान की मंशा व्यक्त की है, लेकिन अभी तक कोई दस्तावेज या लेखा विवरण विभाग को सौंपा नहीं गया है।
लक्ष्मी ट्रेडर्स पर भी शिकंजा
30 व 31 मई को की गई कार्रवाई में मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स पर भी कर अपवंचन का मामला सामने आया। विभाग की जांच में यह बात सामने आई कि वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक फर्म का कुल टर्नओवर ₹96 करोड़ से अधिक रहा, जबकि कर का नगद भुगतान बेहद न्यूनतम रहा।
वर्ष 2023-24 में ₹11 करोड़ की खरीद के मुकाबले सिर्फ ₹7 करोड़ की सप्लाई दर्ज की गई। जांच के दौरान व्यवसायी ने अपनी गलती स्वीकार कर ₹17.55 लाख कर स्वेच्छा से जमा कर दिया है। विभाग के अनुसार इस फर्म पर पूर्व में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
जांच जारी, दस्तावेजों की प्रतीक्षा
दोनों मामलों में विभाग द्वारा संबंधित फर्मों से दस्तावेजों की मांग की गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेजों के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई तय की जाएगी। कर चोरी जैसे गंभीर मामलों में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं जिससे राज्य और केंद्र सरकार के राजस्व को सुरक्षित रखा जा सके।