
गुरु की छाया, साधना का फल: सारंगढ़ की बेटियों ने दिखाया कथक का कमाल
सारंगढ़: दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) स्थित प्रतिष्ठित गोरखा रंगमंच में आयोजित राष्ट्रीय नृत्य, गायन एवं वादन प्रतियोगिता ‘तरंगण’ में मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय, सारंगढ़ (रायगढ़) की छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन कर एक बार फिर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया।
प्रतियोगिता का आयोजन तीन दिवसीय राष्ट्रीय महोत्सव के रूप में किया गया था, जिसमें कथक नृत्य की विविध प्रस्तुतियों में महाविद्यालय की छात्राओं ने उल्लेखनीय सफलता अर्जित की। छात्राओं का यह प्रदर्शन गुरु श्रीमती प्रीति वैष्णव और रुद्र वैष्णव के निर्देशन में हुआ, जिन्हें श्रेष्ठ आचार्य सम्मान से नवाजा गया। तबले पर गुरु पं. सुनील वैष्णव एवं गुरु रुद्र वैष्णव, पढ़त में गुरु श्रीमती प्रीति वैष्णव, और गायन सहयोग में श्री लालाराम लूनिया रहे।
प्रमुख विजेता छात्राएं
- यामी वैष्णव – सब जूनियर एकल नृत्य में प्रथम पुरस्कार एवं “आउटस्टैंडिंग परफॉर्मेंस टाइटल ऑफ द डे”
- अरत्रिका दीवान – सब जूनियर एकल नृत्य में प्रथम पुरस्कार
- हेमान्या साहू – सब जूनियर एकल नृत्य में तृतीय पुरस्कार
- अलीसु सिंदार और एम्मा श्रुति कुजूर – जूनियर वर्ग युगल नृत्य में प्रथम पुरस्कार
- प्रणधा बिसवाल और आदया नायक – युगल नृत्य में द्वितीय पुरस्कार
- प्रिति जायसवाल, आरना केसरवानी, अपेक्षा केसरवानी, हेमांगी सिंह – द्वितीय पुरस्कार
- श्रुति पटेल – तृतीय पुरस्कार
विशेष सम्मान
- लावण्या देशमुख, प्राप्ति व्यास, अक्षिता पाराशर – नृत्य रत्नाकर सम्मान
- इशिका मानिकपुरी – नृत्य रंजनी पुरस्कार
संस्था के प्राचार्य लीलाधर वैष्णव ने सभी छात्राओं को आशीर्वाद प्रदान किया एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि “यह उपलब्धि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है और हमारी संस्कृति की समृद्ध विरासत का प्रतीक भी।”
इस शानदार उपलब्धि ने न केवल मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय का गौरव बढ़ाया बल्कि सारंगढ़ और रायगढ़ जिले को भी राष्ट्रीय फलक पर विशेष पहचान दिलाई है।