
बिलासपुर (छ.ग.) में रेंज सायबर थाना द्वारा की गई कार्रवाई में ऑनलाइन सायबर ठगी के लिए इस्तेमाल किए गए फर्जी बैंक अकाउंट (म्यूल अकाउंट) धारकों पर कड़ी कार्यवाही की गई। पुलिस ने इन म्यूल अकाउंट धारकों के खिलाफ मामला दर्ज किया और 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक पी.ओ.एस. एजेंट (फर्जी सिम कार्ड बेचने वाला) और दो बैंक कर्मचारी शामिल हैं।
बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देशन में रेंज सायबर थाना और एसीसीयू टीम ने जांच की, जिसमें पाया गया कि इन म्यूल अकाउंट में करीब 3 करोड़ रुपये का अवैध लेन-देन हुआ। कुल 97 लाख रुपये की धोखाधड़ी की रकम को फ्रीज कर दिया गया है।
यह कार्रवाई बिलासपुर पुलिस द्वारा की गई तकनीकी जांच पर आधारित थी, जिसमें 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की टीमों ने एक साथ 20 से अधिक स्थानों पर रेड की। इस पूरी कार्रवाई में दिल्ली, राजस्थान और अन्य स्थानों पर 300 से अधिक साइबर ठगों को फर्जी बैंक अकाउंट और सिम कार्ड उपलब्ध कराए गए थे।
बिलासपुर पुलिस ने मनी म्यूल के रूप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से भी पूछताछ की और यह बताया कि कैसे साइबर अपराधी मनी म्यूल का इस्तेमाल करते हैं। मनी म्यूल वे लोग होते हैं जिनके बैंक खाते और डिजिटल वॉलेट का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने में करते हैं।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अपने बैंक खातों और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें और अनजान स्रोतों से धन प्राप्त करने से बचें, ताकि वे साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सकें।
गिरफ्तार आरोपी:
- सत्यनारायण पटेल
- राकेश भेड़पाल
- दुर्गेश केंवट
- शिवशंकर यादव
- राजकुमार पाल
- नंदकुमार केंवट
- दीपेश कुमार निर्मलकर
- सुरेश सिंह
- शेखर चतुर्थी
- रोशन कुमार साहू
- कुनाल मंडावी
- प्रथम सोनी
- दिपांशु साहू
- अमन तिवारी
- रामलाल यादव
- अमित पाल
- अब्दुल रशिंद
- मुख्तार खान
- गुज्जला जगदीश कुमार
मनी म्यूल बनने से बचने के उपाय:
- अनजान स्रोतों से धन प्राप्त करने से बचें।
- अपने बैंक खाते और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें।
- संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत संबंधित बैंक या पुलिस को सूचित करें।
बिलासपुर पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराधों के खिलाफ एक अहम कदम साबित हुई है, और पुलिस की ओर से लगातार ऐसी कार्रवाइयाँ जारी रहेंगी।