सावन की हरियाली में खिला महिला सशक्तिकरण का फूल: ‘परिवर्तन – एक आशा की किरण” द्वारा आयोजित सावन क्वीन कॉन्टेस्ट में देशभर की महिलाओं ने लिया हिस्सा

बिलासपुर। महिलाओं और बच्चों के विकास को समर्पित संस्था ‘परिवर्तन – एक आशा की किरण’ द्वारा आयोजित ऑनलाइन सावन क्वीन कॉन्टेस्ट में देशभर की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों से आई प्रतिभागियों ने सावन की थीम पर अपनी रचनात्मक प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया।

यह प्रतियोगिता सिर्फ एक रंगारंग कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिलाओं को स्वयं की पहचान दिलाने और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करने की एक कोशिश रही। संस्था की संस्थापक किरण पाठक और प्रीति ठक्कर लंबे समय से महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। इनके नेतृत्व में संस्था समय-समय पर जागरूकता, प्रशिक्षण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को मंच प्रदान करती है।

इस वर्ष की सावन क्वीन प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने सावन के महत्व, पारंपरिक पोशाकों, नृत्य, भक्ति और रचनात्मकता के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाई। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे:

🔹 सावन क्वीन: शेफाली पांडोले (इंदौर, मध्यप्रदेश)
🔹 रेनी क्वीन: शिल्पा अग्रवाल (बिलासपुर)
🔹 मॉन्सून क्वीन: विनिता जैन (भिलाई)
🔹 बेस्ट मेसेज: मोनिका अग्रवाल (कोरबा)
🔹 बेस्ट प्रेजेंटेशन: दिव्या कौशल पोपट (यवतमाल, महाराष्ट्र)
🔹 बेस्ट क्रिएशन: योगमाया कुल्हारी (बिलासपुर)
🔹 बेस्ट गेटअप: मेनका जैन (भिलाई)
🔹 बेस्ट शिवा डिवोशन: कोमल मेवलानी (बिलासपुर)

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में वसुधा शर्मा और पूजा शुक्ला का विशेष योगदान रहा। उनके समन्वय और तकनीकी सहयोग से प्रतियोगिता को ऑनलाइन मंच पर प्रभावी रूप से संचालित किया गया।

‘परिवर्तन – एक आशा की किरण’ संस्था का मानना है कि हर महिला और बच्चा सपने देखने और उन्हें साकार करने का अधिकार रखता है। इसीलिए ऐसे आयोजनों के माध्यम से उन्हें एक सकारात्मक मंच और पहचान दी जाती है, जिससे वे अपने आत्मबल को पहचान सकें।

कार्यक्रम को मिली राष्ट्रीय स्तर की भागीदारी संस्था के बढ़ते प्रभाव और महिलाओं में आत्मविश्वास के प्रसार का प्रतीक है।

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