
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रार्थी को थाने में बुलाकर गाली-गलौज करने के मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर से इस संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने को कहा है, जिसमें यह बताया जाए कि कोटा पुलिस प्रार्थी को किस दस्तावेज़ के आधार पर थाने में बुला रही है। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को निर्धारित की है।
यह मामला प्रतिक साहू नामक याचिकाकर्ता से जुड़ा हुआ है, जिसकी ई-रिक्शा 20 जनवरी 2025 को चोरी हो गई थी। उसने चोरी की रिपोर्ट कोटा थाने में दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 54/2025 दर्ज किया। 28 फरवरी 2025 को पुलिस ने ई-रिक्शा एक व्यक्ति से बरामद किया, जिसने पुलिस को बताया कि उसने यह रिक्शा 20 हजार रुपये में खरीदी थी। हालांकि, कोटा पुलिस ने इस व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे छोड़ दिया।
इसके बाद, पुलिस ने पीड़ित प्रतिक साहू को थाने बुलाकर न केवल गाली-गलौज की, बल्कि उसे धमकी भी दी कि वह रिक्शा किससे खरीदी गई थी और इसके कागजात दिखाने के लिए कहा। इस पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रतिक साहू ने अधिवक्ता अमित कुमार के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कोटा पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई उचित नहीं है और इससे पीड़ित को ही मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। इस पर कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और पुलिस अधीक्षक को तलब किया, ताकि मामले की सही जांच हो सके।