‘माँ अरपा’ ने जीता बिलासपुर का दिल: विमोचन समारोह में साहित्यकारों और पत्रकारों का संगम

बिलासपुर। साहित्य सृजन समिति, भारतेंदु साहित्य समिति और साहित्याग्राम प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में साईं आनन्दम सभागार में ‘माँ अरपा’ काव्य संग्रह का गरिमामय विमोचन पारिवारिक और साहित्यिक वातावरण में सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं थावे विद्यापीठ गोपालगंज, बिहार के कुलपति डॉ. विनय कुमार पाठक मुख्य अतिथि के रूप में तथा द्रोण पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर डॉ. अशोक पांडेय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित थे।

साहित्यकार केशव शुक्ला की सद्य: प्रकाशित काव्य कृति ‘माँ अरपा’ का विमोचन एवं सम्मान समारोह 29 नवंबर 2025 की शाम साईं आनन्दम में हुआ। इस अवसर पर उन्हें “पत्रकार भूषण” एवं “सरस्वती सम्मान” से विभूषित किया गया। प्रेस क्लब वर्किंग जर्नलिस्ट भारत की संगठन महामंत्री शशि दीप मुंबई ने उन्हें पत्रकार भूषण शिखर सम्मान प्रदान किया।

राष्ट्र सृजन अभियान भारत के संस्थापक प्रमुख डॉ. प्रद्युम्न कुमार सिन्हा की ओर से दादा बाबू राम विलास सिंह सरस्वती शिखर सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य अध्यक्ष के माध्यम से प्रदान किया गया।

डॉ. विनय कुमार पाठक ने कहा कि वरिष्ठ साहित्यकार केशव शुक्ला ने साहित्य की विविध विधाओं में महत्वपूर्ण लेखन किया है। किन्नर-परक उनके उपन्यास “सज रही गली मेरी माँ” और “मुई मरजानी” विशेष रूप से चर्चित रहे हैं। अरपा नदी के प्रति उनके आत्मीय भाव काव्य संग्रह ‘माँ अरपा’ में स्पष्ट रूप से झलकते हैं।

शशि दीप मुंबई ने प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट द्वारा पत्रकार सुरक्षा सहित विभिन्न पहलुओं की जानकारी साझा की और बिलासपुर की साहित्यिक परंपरा की सराहना करते हुए कार्यक्रम में सम्मानित किए जाने पर आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में अनिता सिंह, विजय तिवारी और डॉ. सर्वेश पाठक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। भारतेंदु साहित्य समिति एवं अन्य संस्थाओं द्वारा केशव शुक्ला को शाल, श्रीफल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

वहीं शशि दीप मुंबई को भी प्रयास प्रकाशन साहित्य अकादमी द्वारा डॉ. विनय कुमार पाठक, डॉ. विवेक तिवारी, शीतल प्रसाद पाटनवार, रमेशचंद्र श्रीवास्तव, राजेश सोनार, सरस्वती सोनी, राम निहोरा राजपूत, रेणु वाजपेयी नलिनी, शोभा त्रिपाठी, अशरफ़ी सोनी, राजेश सेवतकर, रेखराम साहू, सरस्वती साहू, शैल अग्रवाल, शीतला प्रसाद वर्मा, गोरेलाल साहू सहित अन्य साहित्यकारों द्वारा शाल, श्रीफल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

रावत नाच आयोजन समिति के संस्थापक और संयोजक डॉ. कालीचरण यादव, संतोष यादव भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

कवि केशव शुक्ला ने अपनी जन्मस्थली जूना बिलासपुर की साहित्यिक विरासत और काव्य कृति ‘माँ अरपा’ की कविताओं के बारे में बताया। डॉ. अनिता सिंह ने काव्य संग्रह की समीक्षात्मक प्रस्तुति दी, जबकि विजय तिवारी ने काव्य कृति और लेखक के साहित्यिक अवदान पर प्रकाश डाला। स्वागत भाषण पूर्व आईएसएस एवं समीक्षक रमेशचंद्र श्रीवास्तव ने दिया।

द्रोण पब्लिक स्कूल की प्राचार्य मानसी गोवर्धन ने कहा कि ‘माँ अरपा’ काव्य संग्रह पर्यावरण, प्रकृति और संस्कृति के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे पाठ्यपुस्तक में शामिल किया जाना चाहिए। इस दिशा में विद्यालय प्रयास करेगा। इस दौरान मीना अशोक पांडेय भी उपस्थित थीं।

कार्यक्रम का संचालन विश्व हिंदी परिषद, छत्तीसगढ़ प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. संगीता बनाफर ने किया तथा आभार प्रदर्शन सृजन साहित्य समिति के संस्थापक अध्यक्ष शिव मंगल शुक्ला ने किया। समारोह में साहित्यकारों सहित दीपमाला सिंह, प्रीति शुक्ला, आकांक्षा शुक्ला, ईशानय और परिवारजन उपस्थित रहे।

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