
विनय शर्मा के बेटे वेदान शर्मा और उसके साथियों के खिलाफ सकरी थाना में अपराध दर्ज
आखिर क्यों बिलासपुर पुलिस आकाश सिंह का विवरण छिपा रही थी?
बिलासपुर। हाईवे पर रात के अंधेरे में रईसी का तमाशा कर रहे युवाओं पर अब पुलिस का शिकंजा कसता नजर आ रहा है। एनएच पर मंहगी गाड़ियां खड़ी कर रील बनाने की हरकत पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सख्त टिप्पणी के बाद पुलिस हरकत में आई और आनन-फानन में कार्रवाई शुरू की। मगर हैरानी की बात ये रही कि शुरुआती तौर पर पुलिस ने न तो गाड़ियों की संख्या स्पष्ट की, न वाहन चालकों के नाम और न ही नंबर जारी किए।
पहले कहा गया कि 6 गाड़ियां जब्त की गईं, लेकिन जब मीडिया ने सवाल उठाए और जानकारी मांगी तो 7 गाड़ियों की लिस्ट और नामों का खुलासा किया गया। यह देरी और जानकारी छिपाना कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करता है।
हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया मामला
एनएच पर ट्रैफिक जाम कर रील बनाने की घटना को खुद संज्ञान लेते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है। कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर इस मामले में मोटर व्हीकल एक्ट के अलावा अन्य गंभीर धाराएं क्यों नहीं लगाई गईं? साथ ही राज्य सरकार से जवाब भी मांगा गया है।
मुख्य आरोपी विनय का बेटा
थाना सकरी क्षेत्र में विनय शर्मा का बेटा वेदांत शर्मा अपने साथियों के साथ एनएच के बीचोबीच मंहगी गाड़ियों को खड़ी कर ड्रोन से रील बनाता है और सोशल मीडिया पर अपलोड करता है। वीडियो में पिता के रसूख का भी उल्लेख किया गया है।
राहगीर की शिकायत से दर्ज हुई एफआईआर
शिकायतकर्ता ने बताया कि वह पेड्रीडीह तुर्काडीह बायपास होकर अपने गांव लाखासर जा रहा था, तभी ओवरब्रिज के पास कुछ युवकों ने गाड़ियां खड़ी कर वीडियो शूट करना शुरू कर दिया, जिससे ट्रैफिक बाधित हुआ और वह समय पर घर नहीं पहुंच सका।
अभियुक्तों पर दर्ज धाराएं
थाना सकरी में अपराध क्रमांक 495/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 126(2), 285 और 3(5) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही धारा 184 के तहत वाहनों को जब्त किया गया है।
जब्त गाड़ियों और उनके चालकों की सूची (देरी से जारी)
- CG-04-ND-9977 – यशवंत मिश्रा
- CG-10-BN-4222 – अभिनव पांडेय
- CG-10-BX-0009 – वेदान शर्मा
- CG-10-BV-0005 – विपिन वर्मा
- CG-10-BT-6300 – सिद्धार्थ शर्मा
- CG-28-Q-6300 – दुर्गेश ठाकुर
- CG-10-BY-2222 – आकाश कुमार सिंह
प्रश्नचिन्ह पुलिस पर
सवाल ये उठते हैं कि यदि कोर्ट की सख्ती नहीं होती तो क्या यह कार्रवाई होती? पहले गाड़ी संख्या 6 बताकर नाम छिपाना, फिर मीडिया दबाव के बाद जानकारी देना—यह सब दर्शाता है कि कहीं न कहीं रसूखदारों को बचाने की कोशिश थी।
अब देखने वाली बात होगी कि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ये कार्रवाई कितनी गंभीरता से आगे बढ़ती है और क्या इन रसूखदार युवाओं पर कड़ी कार्रवाई होती है या फिर मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा।