बिलासपुर: होली पर्व पर बिलासा कला मंच का अभिनव आयोजन, 32वां मूर्खाधिराज चंद्रप्रकाश देवरस चुने गए

बिलासपुर। होली पर्व में हर साल होलिका दहन की पूर्व संध्या पर हास्य परिहास से भरपूर बिलासा कला मंच द्वारा आयोजित
32 वां मूर्खाधिराज, अभिषेक, फाग गायन और हास्य-व्यंग्य समारोह 12 मार्च को यादव भवन इमलीपारा बिलासपुर में वरिष्ठ समाजसेवी  चंद्रप्रकाश देवरस की अध्यक्षता में तथा पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेई, वरिष्ठ साहित्यकार डा अजय पाठक, डा सोमनाथ मुखर्जी के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मंच का अभिनव आयोजन मूर्खाधिराज अभिषेक से बिलासा कला मंच के संरक्षक चंद्रप्रकाश देवरस को नवाजा गया।

बिलासा कला मंच द्वारा 31 वर्ष से लगातार आयोजित यह आयोजन अंचल की विशिष्ठ पहचान है। बिलासा कला मंच द्वारा बिलासपुर की संस्कृति और संस्कार,भाईचारा कायम रहे इसी उद्देश्य से पारिवारिक वातावरण में यह कार्यक्रम किया जाता है। 32 वां मूर्खाधिराज की पदवी से चंद्रप्रकाश देवरस को नवाजा गया और होली परिधान पहनाकर सम्मानित किया गया, तत्पश्चात उनके व्यक्तिव, कृतित्व पर हास्य परिहास से भरपूर लेखन का वाचन मंच के अध्यक्ष महेश श्रीवास ने किया।

 

इस अवसर पर मंच के संस्थापक डा सोमनाथ यादव ने कहा कि 31 वर्ष से लगातार मंच के द्वारा नगर के विशिष्ट जनों को मूर्खाधिराज अभिषेक से नवाजती रही है इस साल मंच के पदाधिकारियों ने मंच के वरिष्ठ संरक्षक और समाजसेवी देवरस जी को इस अभिषेक से नवाजा। डा सोमनाथ ने इस आयोजन के रोचक किस्से सुनाए और हास्य व्यंग से लोगो को खूब हंसाया।

इस अवसर पर देवरस ने कहा कि होली पर्व लोगों के दिल मिलाने का होता है।व्यस्ततम समय मे लोगों को कुछ हंसी ठिठोली का अवसर मिलने का काम बिलासा कला मंच द्वारा किया जाता है,मंच बधाई के पात्र हैं। अब तो हर व्यक्ति अपने को बुद्धिमान मानता है ऐसे समय मे शहर में कोई एक मूर्ख खोजकर उसे मूर्खाधिराज सम्मान से सम्मानित करना मंच के लिए गौरव की बात है।होली त्यौहार रंगों का त्यौहार है जिसमें सभी रंग एक हो जाते हैं। छत्तीसगढ़ की लोककला, लोकसंस्कृति को संरक्षित करने का काम बिलासा कला मंच लगातार करते आ रही है। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंच के कलाकार फागुराम लास्कर,रघु गढेवाल, प्रहलाद डोंगरे,मोहन डोंगरे,माखन गढेवाल, फेकू गढेवाल एवम कलाकारों द्वारा शानदार होली फाग गायन की प्रस्तुति की गई।

हास्य व्यंग्य से भरे काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ कवि व लोकगायक राजेश चौहान रायपुर ने हास्य गीतों की पेरोडी सुनाकर सबको खूब हंसाये, छत्तीसगढ़ी में अपने अलग अंदाज से हास्य गीतों को प्रस्तुत कर नांदघाट से आये हुए कवि कृष्णा भारती ने सबको हंसने के लिए मजबूर कर दिया, वहीं अंचल के युवा कवियों रामकुमार श्रीवास ‘पलाश’, शरद यादव सीपत और बालमुकुंद श्रीवास के साथ मंच के संरक्षक डॉ सुधाकर बिबे द्वारा एक से बढ़कर एक कविता और गीत की प्रस्तुती किया गया।

संचालन अध्यक्ष महेश श्रीवास ने किया तथा आभार प्रकट संयोजक रामेश्वर गुप्ता ने की। इस अवसर पर मंच के पदाधिकारियों,अनिल व्यास,डॉ सुधाकर बिबे,राजेन्द्र मौर्य, आनंद प्रकाश गुप्त,दामोदर मिश्रा,अनिरुद्ध ठाकुर, यश मिश्रा,देवानंद दुबे,अनूप श्रीवास,नरेन्द्र कौशिक, रामायण सूर्यवंशी,डॉ भगवती प्रसाद चंद्रा,केवलकृष्ण पाठक, दिनेश्वर राव जाधव,महेश भार्गव, एस विश्वनाथ, मनीष गुप्ता, दामोदर मिश्रा,चंद्रशेखर राव,जगतारण डहरे,ओमशंकर लिबर्टी,सहदेव कैवर्त,महेंद्र ध्रुव,प्रदीप कोशले,द्वारिका दास वैष्णव,प्रदीप निरनेजक,उमेंद् यादव,शैलेश कुम्भकार,राजकुमार निर्मलकर,गोपाल यादव, प्रदीप लसहे,अनूप श्रीवास, द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, सहित नगर की भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

 

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